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UKSSSC की परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश,

एसटीएफ ने 6 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार, लाखों रुपये बरामद

देहरादून।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से माह दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई अनियमितता के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार डीजीपी अशोक कुमार द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराते हुए एसटीएफ को विवेचना सौंपी थी। मामले में एसटीएफ ने छह आरोपी गिरफ्तार कर उनके पास से 37.10 लाख रुपये भी बरामद किए हैं।

डीजीपी ने मामले के जल्द खुलासे के लिए एसटीएफ की पीठ थपथपाई है।
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (पीआरडी) के रूप में तैनात था।

वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया। इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था।

दूसरा अभियुक्त जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पण्डितवाड़ी, थाना कैण्ट, देहरादून आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रालि के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत् था। उक्त कंपनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे जिस कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी उपरोक्त से हुई थी।

आयोग के कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी ग्राम पाटी, जिला चंपावत भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी हेतु आना-जाना लगा रहता था जिस कारण उसकी पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी।

चंपावत निवासी मनोज जोशी अभियुक्त कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर के करनपुर डालनवाला में संचालित डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट से कोचिंग ले रहा था। कुलवीर ने ही मनोज जोशी को शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी से मिलवाया। साथ ही किच्छा में प्राइवेट स्कूल में तैनात गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह से जानपहचान हुई। इन्होंने मिलकर मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से मिलकर पेपर लीकर करवाने के एवज में 60 लाख रुपये दिए।

जयजीत दास UKSSSC में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था। जिसे वह आरोपियों तक पहुंचाता था।

टीम ने जयदीप की निशानदेही पर 37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया है।

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