• Tue. Dec 24th, 2024

श्रीमद्भागवत कथा में क्रोध प्रसंग का वर्णन किया

देहरादून। रायपुर रोड अधोइवाला स्थित शिवलोक कॉलोनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने क्रोध प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि क्रोध कामना से अधिक शक्तिशाली शत्रु है। जब साधक क्रोध के खिलाफ संघर्षरत होता है तो अपनी असफलता के कारणों का विवेचन करना व्यक्ति के लिए अक्सर लाभदायक होता हैं
बुधवार को कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक वाणी और व्यवहार में एकरूपता नही आती, तब तक वाणी में शक्ति नही आती। अधिक ज्ञान इकठ्ठा करने से अच्छा जितना ज्ञान है उसे क्रियात्मक रूप देना ज्यादा ज्यादा श्रेष्ठ है। मृत्यु का दिन निश्चित है। हर इंसान को एक दिन दुनिया छोड़कर मृत्यु का वरण करना पड़ता है। दूसरों का कल्याण और सहयोग करना ही भागवत पूजन है। कथा के दौरान वंदना, वेदांश, कार्तिक, सुमन, संजीव आनंद, बीरेन्द्र, संतोषी, सुनील बिष्ट, प्रेम बल्लभ थपलियाल, कांता प्रसाद, मनी प्रभाकर, साक्षी आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *