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गरीब व मजदूर वर्ग को राहत पहुंचाने के लिए एकजुट हुए विभिन्न संगठन,

1250 मजदूरों के शिष्टमंडल ने सीएम आवास पर सौंपा ज्ञापन,

चेतना आंदोलन, उत्तराखंड महिला मंच, जन संवाद समिति और उत्तराखंड लोक वाहिनी सहित अन्य संगठनों ने उठाई आवाज

देहरादून। प्रदेश में दिहाड़ी व अन्य मजदूरों की बिगड़ती हुई स्थिति से राहत की मांग को लेकर 1250 मजदूर परिवारों के शिष्टमंडल ने सीएम आवास पर ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया गया कि मजदूरों को काम नही मिल रहा है। काम मिलने पर मालिक व ठेकेदार समय पर भुगतान नही देते। प्रशासनिक कर्मियों के चलते स्थिति ज्यादा खराब है। लिहाज मजदूरों को जल्द राहत मिलनी चाहिए।

गुरुवार को चेतना आंदोलन, उत्तराखंड महिला मंच, जन संवाद समिति और उत्तराखंड लोक वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में शिष्टमंडल सीएम आवास पहुंचा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के चलते गरीब और मजदूर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सरकार की ओर से की गई कोशिश नाकाफी व सीमित जी। प्रशासनिक कार्यो में सुधार अति आवश्यक है।

मज़दूरों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से इन मांगों को उठाया:

 सरकार तुरंत समय सीमा तय करे और घोषित करे कि किसी भी लंबित पंजीकरण या लाभ का आवेदन पर दस दिन के अंदर कार्रवाई की जाएगी। हर राशन दुकान द्वारा मुफ्त राशन सब परिवार को मिलें, और सरकार इस बात को घोषित करें की इसमें किसी और की भूमिका नहीं होगी।
महामारी से संबंधित किसी भी राहत योजना में किसी भी प्रकार का नवीनीकरण न होने के कारण किसी को वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। मज़दूरों ने यह भी कहा कि चुनाव आचार संहिता से जारी योजनाओं को ठीक से अमल करने पर कोई रोक नहीं है।

शिष्टमंडल में शंकर गोपाल, राजेंद्र साह, सुनीता देवी, प्रभु पंडित, पप्पू, संजय, रामु सोनी, सुवा लाल,  मुन्ना कुमार, उमेश कुमार, आधी मौजूद रहे। 

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