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उत्तराखंड: इस विधानसभा सीट में अब तक नही जीता कोई भी पुरुष उम्मीदवार,

बीजेपी से इस बार रेणु बिष्ट, जबकि कांग्रेस से शैलेंद्र सिंह रावत है चुनावी मैदान में,

पौड़ी जनपद की यमकेश्वर विधानसभा सीट पर रहा है महिला उम्मीदवारों का वर्चस्व,

देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है। पार्टी प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क कर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे है। विधायक का ताज किसके सिर पर सजेगा। यह तो 10 मार्च को जारी होने वाले चुनाव परिणाम तय करेंगे।

आज हम आपको बताने जा रहे है उत्तराखंड की एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में जिस पर आज तक कोई पुरूष उम्मीदवार नही जीता। जी हां यमकेश्वर विधानसभा एक ऐसी सीट रही है जिस पर अब तक हुए चार विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवार विजयी हुई है।

इस सीट पर अब तक हुए चुनाव में हमेशा महिला प्रत्याशियों के बीच ही कांटे की टक्कर हुई है। जिसमें बीजेपी उम्मीदवार का ही वर्चस्व रहा है। हालांकि इस बार समीकरण बदल गए है। बीजेपी से रेणु बिष्ट जबकि कांग्रेस के टिकट पर शैलेंद्र रावत चुनावी मैदान में है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भी यहाँ महिला उम्मीदवार जीत दर्ज करती है या फिर पहली बार पुरुष उम्मीदवार मैदान फतह करता है। इससे पहले हुए चुनाव 2017 में भी कांग्रेस ने शैलेंद्र रावत को मैदान में उतारा था।

यमकेश्वर विधानसभा सीट पर 88 524 मतदाता है। जिनमें 46445 पुरुष जबकि 42073 महिला मतदाता है।

यह रहा है इस सीट का इतिहास,

राज्य गठन से पहले यमकेश्वर विधानसभा सीट लैंसडौन का हिस्सा रही। राज्य गठन के बाद साल 2002 में यह सीट अस्तित्व में आई।


2002 से 2012 तक यानी तीन बार यहां लगातार बीजेपी प्रत्याशी विजया बड़थ्वाल ने जीत दर्ज की। 2002 में उन्होंने कांग्रेस की सरोजनी कैंतुरा को 1,447 वोटों से हराया था। जबकि 2007 में उन्होंने कांग्रेस की रेणु बिष्ट को 2,841 मतों से पराजित किया। इसके बाद 2012 में भी तीसरी बार विजय बड़थ्वाल ने जीत हासिल की ।


2017 में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी को इस सीट पर चुनावी मैदान में उतारा। कहाँ उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी रेणु बिष्ट और कांग्रेस के टिकट पर लड़े शैलेंद्र रावत को पराजित किया।

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