यमकेश्वर। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली 36 यमकेश्वर विधानसभा सभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। दरअसल कांग्रेस से टिकट न मिलने पर द्वारीखाल ब्लॉक के प्रमुख महेंद्र राणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार रेणु बिष्ट और कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत की राह आसान नही होगी ।
मजबूत जनाधार वाले महेंद्र राणा की यमकेश्वर में स्वछ छवि है। इसके साथ ही उनका मिलनसार स्वभाव, संगठन में पकड़ और स्थानीय होना उनको एक दमदार उम्मीदवार बनाता है। ऐसे में उनके निर्दलीय लड़ने के एलान से यमकेश्वर सीट पर मामला दिलचस्प हो गया है।
दरअसल बीजेपी उम्मीदवार रेणु बिष्ट को संगठन कार्यकर्ता कांग्रेसी मूल का बता रहे है। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार शैलेंद्र रावत को स्थानीय प्रत्याशी नही माना जा रहा है। ऐसे में तय है कि बीजेपी कांग्रेस में भीतरघात के चलते इस बार यमकेश्वर सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। हालांकि शैलेंद्र रावत 2017 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके है। और पिछले 5 सालों से लगातार यमकेश्वर में सक्रिय है। लेकिन अंदरूनी कलह से इंकार नही किया जा सकता। वहीं बीजेपी उम्मीदवार रेणु बिष्ट खुद को यमकेश्वर की बेटी के नारे के साथ चुनाव में जा रही है लेकिन सूत्रों की मानें तो बीजेपी कैडर उनको अपनाने को तैयार नही है। जिसके चलते भितरघात की प्रबल संभावना बनी हुई है।