देहरादून। शनिवार को देहरादून पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने इन योजनाओं का लोकार्पण किया।
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे:
ईपीई जंक्शन से देहरादून तक 175 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे करीब 8600 करोड़ की लागत से तैयार होगा। हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से कनेक्टिविटी के लिए सात प्रमुख इंटरचेंज होंगे।
ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर 2082 करोड़ की लागत से 51 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट बनाया जाएगा. यह दिल्ली से हरिद्वार के बीच बहादराबाद और सहारनपुर के हलगोवा के बीच बनेगा. इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, दस माइनर, दो रेलवे ओवर ब्रिज और 10 वीयूपी होंगे.
हरिद्वार रिंग रोड:
गांव और कस्बों को हाईवे से जोड़ने के लिए हिरिर रिंग रोड का निर्माण होगा. यह रिंग रोड मनोहरपुर से कांगड़ी तक 15 किलोमीटर लंबा होगा, जिस पर 1602 करोड़ का खर्च होगा. इससे कुमाऊं की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी
लक्ष्मण झूला के पास पुल:
लक्ष्मणझूला पुल की भार क्षमता घट जाने की वजह से आवागमन बंद है. इसके पास ही 132.30 मीटर स्पान का 69 करोड़ की लागत से नया पुल बनेगा. पैदल यात्रियों के लिए ग्लास डैक का प्रावधान किया गया है. इस पुल पर हल्के वाहन भी चल सकेंगे. ऋषिकेश की ओर 35 मीटर स्पान का अतिरिक्त एप्रोच ब्रिज भी बनेगा.
देहरादून-पौंटा साहिब मार्ग:
1695 करोड़ की लागत से 50 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा. यह पौंटा साहिब से शुरू होकर बल्लूपुर चौक तक बनेगा. इसमें तीन बड़े, 43 छोटे पुल, एक फ्लाईओवर, 15 अंडरपास शामिल हैं. इससे हिमाचल से देहरादून की यात्रा काफी आसान हो जाएगी
व्यासी जल विद्युत परियोजना:
1777 करोड़ की 120 मेगावाट की यह जलविद्युत परियोजना तैयार है. 86 मीटर ऊंचे बांध वाली इस परियोजना से हर साल 353 मिलियन यूनिट अतिरिक्त हरित ऊर्जा का उत्पादन भी होगा। वहीं 257 करोड़ की लागत से ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत देवप्रयाग से श्रीकोट तक 38 किलोमीटर सड़क चौड़ी करने का काम पूरा हो चुका है. इसके निर्माण से देवप्रयाग, बागबान, लक्ष्मोली, जुयालगढ़, कीर्तिनगर और स्वीत गांवों की संयोजकता सुगम होगी.
ऑल वेदर रोड ब्रहम्पुरी से कौड़ियाला:
248 करोड़ की लागत से 33 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण और डक्ट निर्माण के काम तेजी से चल रहे हैं. ब्रह्मपुरी से कौड़ियाला महादेव चट्टी तक दो लेन में चौड़ीकरण हो चुका है. 600 मीटर मरीन ड्राइव का निर्माण भी हो चुका है. पर्यटकों के लिए सफर सुलभ होगा।
वहीं लामबगड़ में कई साल से क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन सक्रिय होने से बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों और आसपास के लोगों को लगातार परेशानी हो रही थी. लिहाजा, 108 करोड़ की लागत से स्थायी उपचार किया गया है. 500 मीटर की लंबाई में 27 से 44 मीटर ऊंचाई की रीनफोर्स अर्थवॉल और पत्थर से बचाव के लिए रॉकफॉल बैरियर बनाया गया है.
ऑल वेदर रोड साकणीधार, देवप्रयाग और श्रीनगर:
करीब 75 करोड़ 90 लाख रुपए की कीमत से इन सभी जगहों पर स्थायी भूस्खलन वाले क्षेत्रों का उपचार किया गया है. साकणीधार में 200 मीटर, देवप्रयाग में 200 मीटर और श्रीनगर में 700 मीटर मार्ग का उपचार किया गया है.
हिमालयन कल्चरल सेंटर देहरादून: 67 करोड़ की लागत से गढ़ीकैंट में हिमालयन कल्चरल सेंटर स्थापित किया गया है. इसे तहत एक राज्य स्तरीय संग्रहालय, बाह्य एवं आंतरिक कला दीर्घाएं, 800 सीट क्षमता का ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, नाट्यशाला और कांफ्रेंस हॉल का निर्माण किया गया है।