• Mon. Dec 23rd, 2024

जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते लोग घर छोड़ने को मजबूर

देहरादून। उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन गायब हो गया है। जोशीमठ की लगभग 20 हजार की आबादी में से 500 से ज्यादा भवनों में दरारें पड़ने से लोग भयभीत हैं। 10 से ज्यादा भवन स्वामियों के अपने घर छोड़कर अन्यत्र जाने की बात भी सामने आई है।

सोमवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने पत्रकारों से वार्ता की । उन्होंने कहा कि जोशीमठ के सैकड़ों घर, अस्पताल, सेना के भवन, मंदिर, सड़कें प्रतिदिन धसाव की जद में आ रही है और हर दिन ऐसा हो रहा है वही 20 से 25000 की आबादी वाला नगर अनियंत्रित दूरदर्शी विकास की भेंट चल रहा है वहीं दूसरी तरफ तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीनों को भीतर से खोखला कर दिया है पिछले 1 साल से यहां की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और दूसरी तरफ शासन-प्रशासन मूर्ख तमाशा देख रहा है । जोशीमठ के स्थानीय प्रशासन को कई बार लिखने के बावजूद घरों का सर्वे नहीं कराया गया है दिसंबर प्रथम सप्ताह में बहुत जोर डालने पर नगरपालिका को प्रभावितों की गिनती करने को कहा गया अर्थात आपदा आने पर मरने वालों की गिनती करने के निर्देश दिए नगर पालिका ने आदेश के क्रम में लगभग 3000 लोगों को चिन्हित किया जो आपदा आने पर प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर धामी से मिलने के बावजूद भी और वहां के हालातों को देखते हुए उनकी तरफ से कोई सकारात्मक जवाब की कार्यवाही नहीं हो पाई। अब जबकि जोशीमठ का लगभग हर क्षेत्र धंसने लगा है। घरों और सड़कों पर हर जगह दरारें आने लगी हैं और लोग घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होने लगे हैं तो जोशीमठ के लोग सड़कों पर भी निकलने लगे हैं। बीते 24 दिसंबर को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जोशीमठ में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था।

इस दौरान पत्रकार वार्ता में बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी मंत्री शैलेंद्र पंवार आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *