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रुद्रप्रयाग विधानसभा: जनता की आवाज हमारा विधायक सरल, सौम्य व स्वच्छ छवि का हो,

विधानसभा चुनाव में पार्टी दाव खेल सकती है आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं पर,

क्षेत्र और संगठन में है ममगाईं की लोकप्रियता, आरएसएस से लंबे समय से रहा है जुड़ाव,


रुद्रप्रयाग।
उत्तराखंड के चुनावी समर 2022 में रुद्रप्रयाग विधानसभा की आम जनता इस बार अपने बीच से सरल और सौम्या छवि के प्रत्याशी को तलाश रही है । इससे पूर्व रुद्रप्रयाग विधानसभा में जितने भी प्रत्याशी विजयी रहे हैं, वह यह तो रुद्रप्रयाग विधानसभा से बाहर के थे, या वर्तमान में जो है वह रुद्रप्रयाग की जनता की प्रमुख समस्याओं का निवारण नहीं कर पाए है।
वर्तमान में रुद्रप्रयाग विधानसभा की आम जनता आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं जी को अपने बीच प्रतिनिधि के रूप में प्रमुख दावेदार देखकर काफी खुश है। आचार्य ममगाईं का सौम्य एवं सरल स्वभाव जनता के लिए उनका अपनत्व उनकी लोकप्रियता को अन्य दावेदारों से काफी आगे ले गया है। उनकी स्वच्छ, सौम्य छवि धार्मिक गुरु एवं कथावाचक के रूप में पहले से ही गांव गांव और घर घर तक फैली हुई है ।
आचार्य ममगाईं ने राज्य मंत्री के अपने सफल कार्यकाल में पूरे प्रदेश के साथ-साथ विशेष रूप से रुद्रप्रयाग में सभी प्रमुख समस्याओं का निवारण करने का भरसक प्रयास किया है। चाहे वह सड़क परिवहन से जुड़ा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य से सभी पहलुओं की समस्याओं का निवारण आचार्य ने प्रमुखता से किया है । उनकी सबसे बड़ी खासियत उनकी सरलता से उपलब्धता है।

राजधानी देहरादून से नजदीकी का लाभ रूद्रप्रयाग की दूरस्थ क्षेत्र की समस्त जनता को मिला है। बाँगर पट्टी के दूरस्थ गॉव हो या भरदार पट्टी के क्षेत्र या बच्णस्यू पट्टी के क्षेत्र के नागरिक सभी आम ग्रामीणों के एक फोन कॉल पर वह उनकी समस्या को दूर करने का भरसक प्रयास करतें है ।

दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के एक नागरिक ने बताया कि हम क्षेत्र के अपने प्रतिनिधियों को बार-बार अपनी समस्या से अवगत कराते हैं लेकिन उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया। वहीं लेकिन आचार्य जी को फोन करने पर उन्होंने हमारी समस्या का प्रमुखता से निवारण किया।
आचार्य ममगाईं काफी हद तक इन समस्याओं के निवारण में सफल भी रहे हैं । वह कई संस्थाओं से जुड़े हैं।

केदारनाथ आपदा के दौरान यात्रा खोलने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। ममगाईं धर्म, आध्यात्मिकता के मजबूत स्तंभ के साथ ही राजनीतिज्ञ भी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्तीय संयोजक ,व्यास मण्डल धर्मजागर समन्वय विभाग से 22 सालों से जुड़े है।

कोविड़ काल में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही प्रवासियों को ठहराने की व्यवस्था उन्होंने चारधाम के राज्य मंत्री रहते हुए की। धामों में व्यवस्था के लिए देश के बड़े संत उनसे जुड़े हैं।
वहीं संयोजक संरक्षक राम जन्मभूमि मंदिर प्रांत के रहते हुए उन्होंने राममांदिर के लिए धनराशि संग्रह में भी प्रमुखता से योगदान दिया। उन्होंने बताया कि अगर पार्टी टिकट देती है तो अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता के कारण वह भारी मतों से विजयी होंगे।

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