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बाल वनिता आश्रम में हर्षोल्लास के साथ मनाया बालिका दिवस,

देहरादून ।
राष्ट्रीय बालिका दिवस श्री श्रद्धानन्द बाल वनिता आश्रम में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । कार्यक्रम में आश्रम के बालक व बालिकाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बेटियां भोर की पहली किरण है।

सोमवार को आश्रम सभागार में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आश्रम के प्रधान सुधीर गुलाटी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं दी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व के बारे में बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ़ वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट ने 2009 से राष्ट्रीय बालिका दिवस शुरू किया।
24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था जिसे राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है I इसका मुख्य उदेश्य बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा एवं बालिकाओं में जागरूकता लाना, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करना, शिक्षा का अधिकार, हिंसा के खिलाफ कार्यवाही,बाल विवाह रोकना और उच्चतम भविष्य प्रदान करना है I


आश्रम की बालिकाओं द्वारा “बेटियां भोर की हैं पहली किरण …”और देश भक्ति के गीतों की प्रस्तुति दी I
सुरेश उनियाल ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बच्चों में व्यावहारिक परिवर्तन, किशोरावस्था जैसे विषयों पर जागरूकता के उद्देश्य से संक्षिप्त में चर्चा की I धीरेन्द्र मोहन सचदेव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के उपरांत सभा का समापन हुआ।

इस उपलक्ष में समर्पण सोसाइटी के प्रतिनिधि एसपी पोखरियाल एवं मानसी मिश्रा, रेलवे चाइल्ड लाइन सविता गोगिआ, निधि कुकरेती तथा बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल, आश्रम के पदाधिकारी सुधीर गुलाटी प्रधान, धीरेन्द्र मोहन सचदेव अधिष्ठाता, स्नेहलता खट्टर कोषाध्यक्ष, सतीश चंद्र , अशोक नारंग आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सञ्चालन नारायण दत्त पंचाल व सह-कोषाध्यक्ष ने किया।

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