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होलिका दहन के लिए पूर्णिमा की रात्रि का समय देखा जाता है: कलखुडिया

ऋषिकेश।
प्रसिद्ध अंक ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंकज कलखुड़िया जी के अनुसार इस बार होलिका दहन और छलड़ी के ऊपर अलग-अलग तारीखों की बातें सामने आ रही है।

बहुत जगह छलड़ी (रंगों वाली होली ) 18 तारीख को तो बहुत जगह छलड़ी 19 तारीख को मनाई जाने वाली है ।

हमारे हिंदू पंचांग के हिसाब से बात करें तो होलिका दहन के लिए जो शुभ मुहूर्त रहता है वह पूर्णिमा का रहता है। 17 मार्च 2022 की दोपहर 1:29 से 18 मार्च की दोपहर 12:52 तक पूर्णिमा तिथि पूर्ण रूप से प्रभावी रहेगी।

होलिका दहन के लिए पूर्णिमा की रात्रि का समय देखा जाता है, तो इसलिए इस बार जो होली की चीर जलेगी, वह 17 मार्च 2022 को रात्रि 12:58 से पूर्व भद्रा मुहुर्त होने के कारण रात्रि 12:58 बजे से रात्रि 02:12 के मध्य जलेगी। प्रतिपदा तिथि को कभी भी छलड़ी मनाने के लिए देखा जाता है जो कि 18 मार्च की दोपहर 12:58 से लेकर के 19 मार्च की दोपहर 12:13 तक रहेगी। इसलिए प्रतिपदा की उदय तिथि इस बार 19 मार्च को होने के कारण होली में छलड़ी 19 मार्च को खेली जाएगी।

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