देहरादून। आर्य समाज धामावाला के १४१वें वार्षिक महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को स्वामी सच्चिदानंद जी ने अपने प्रवचन में जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के मार्ग पर चर्चा की।
वैदिक सिद्धांत के कर्म फल की व्यवस्था पर चर्चा करते स्वामी सचिदानन्द ने पाप-पुण्य के १०-१० विषय के बारे में अवगत कराया। शंका समाधान के सत्र में आर्य जनों के उत्तर देते हुए त्रिविध ताप-दुःख अर्थात अधिदैविक, अधिभौतिक व अध्यात्मिक दुखों पर चर्चा की। प्रश्नों के उत्तर देते हुए तैत्रवाद और अद्वैतवाद के भेद को समझाया। मोक्ष और जीवन मुक्त के भेद पर प्रकाश डाला। सभा में आर्य समाज धामावाला के पदाधिकारियों व सदस्यों के अतिरिक्त देहरादून के अन्य समाजों के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे जिनमे मुख्य आर्य समाज कौलागढ़, करनपुर, विकास नागर, रुड़की, अखिल भारतीय महिला आश्रम के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।