देहरादून।
आर्य समाज धामावाला के सत्संग भवन में रविवार को महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी का जन्मोत्सव एवं ऋषि बोधोत्सव भावपूर्ण व हर्षोल्लास से मनाया गया I आचार्य विद्यापति शस्त्री द्वारा यज्ञ के पश्चात् सहारनपुर से पधारे भजनोपदेशक पं० सुमित्र अंगिरस ने भजनों व उपदेश के माध्यम से सभा में उपस्थित सभी आर्यजन को आनन्दित किया I
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वैदिक विद्वान शैलेश मुनि सत्यार्थी , ज्वालापुर ने महर्षि स्वामी दयानन्द जी के जीवन के कई प्रसंगों की चर्चा करते हुए उनके ज्ञान, त्याग, तपस्या और योगदान पर रौशनी डाली I
शिव रात्रि की घटना ने बालक मूलशंकर के मन में सत्य शिव को पाने की जिज्ञासा उत्पन की और घर से निकल पड़े I स्वामी विरजानन्द जी के सानिध्य में रहते हुए मनुष्य कृत ग्रंथों को छोड़ा और ईश्वरीय ज्ञान वेदों के सत्य अर्थों को समझा और नारा दिया “वेदों की ओर लौट चलो” I
गुरु विरजानन्द जी की इच्छ्नुसार शिष्य दयानन्द ने देश में प्रचलित बाल विवाह, सती प्रथा, जादू-टोना, अन्धविश्वास जैसी कुरीतियों को दूर करने और स्त्री शिक्षा, गुरुकुल शिक्षा पद्वति, विधवा विवाह और वेदानुसार जीवन शैली रखने का उपदेश दिया I महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने अमर ग्रन्थ “सत्यार्थ प्रकाश” की रचना की I सत्यार्थ प्रकाश में स्वामी जी ने अष्टम समुल्लास में स्पष्ट शब्दों में लिखा है ” कोई कितना ही करे परन्तु जो स्वदेशी राज्य होता है वह सर्वोपरि होता है ” I
स्वराज्य का पहला बिगुल स्वामी दयानन्द जी ने ही बजायI था I भारत की स्वाधीनता के दीवाने भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल , लाला लाजपत राय, वीर सावरकर आदि ने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ कर ही स्वामी जी से प्रेरणा पाई थी I अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द ने स्वामी दयानन्द जी से प्रेरणा लेकर ही गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की I स्वामी जी ने विष देने वाले जगन्नाथ को भी क्षमा कर दिया और अंतिम क्षण में “ईश्वर तेरी इच्छा पूर्ण हो ” कह कर नश्वर शरीर को छोड़ दिया I
कार्यक्रम में आर्य समाज धामावाला के वरिष्ठ सदस्य डॉ आदित्य आर्य, ओपी मल्होत्रा, मदन मोहन आर्य, कमला नेगी, नारायण दत्त पांचाल, अशोक नारंग, धीरेन्द्र मोहन सचदेव, अलोक कुमार, आदर्श कुमार अग्रवाल, आनन्द सिंह आर्य, पवन कुमार आर्य , विश्व मित्र गोगिआ, सुभाष चन्द्र गोयल, ज्ञान चन्द गुप्ता , राम बाबू सैनी, संगीता चढा, श्रीमती स्नेहलता खट्टर, नवीन सचदेव, मृदुला गुलाटी, नरेश गर्ग, शिक्षा गर्ग, अश्विनी पंचाल, आर्य समाज धामावाला, आर्य समाज कोलागढ़, आर्य समाज करणपुर के सदस्यों के अतिरिक्त अन्य समाजों के सदस्य, पदाधिकारी के साथ अन्य गण मान्य अतिथि मौजूद रहे।
मंच का सञ्चालन नवीन भट्ट मंत्री ने किया I सुधीर गुलाटी प्रधान ने मुख्य अतिथियों वक्ता, भजनोपदेशक तथा श्रोतागणों का अभिनन्दन और धन्यवाद् प्रकट किया I विद्यापति शास्त्री की ओर से द्शांति गीत और शांति पाठ के साथ सभा का समापन हुआ I