माता पिता से द्वेष रखने वाले व्यक्ति का जीवन व्यर्थ हो जाता है,
देहरादून।वेद पुराण शास्त्र मनुष्य को केवल ज्ञान ही नही बल्कि, प्रकृति के सभी मूलभूत यम, नियम, संयम, सामान्य विज्ञान व कर्तब्य बोध कराता है। क्रियमाण कर्म नया सवेरा बन के…
होलिका दहन के लिए पूर्णिमा की रात्रि का समय देखा जाता है: कलखुडिया
ऋषिकेश।प्रसिद्ध अंक ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंकज कलखुड़िया जी के अनुसार इस बार होलिका दहन और छलड़ी के ऊपर अलग-अलग तारीखों की बातें सामने आ रही है। बहुत जगह छलड़ी…
सभी दोषों की उत्पत्ति अभिमान से होती है: आचार्य पैन्यूली
देहरादून।प्राणी दीन होकर ईश्वर के चरणों मे रहे तो उसके मन पर अभिमान प्रभावकारी नही होता है। ईश्वर हमे योग्यता से बढ़कर देता है, अतः ईश्वर ने जो दिया है…
मनुष्य केवल भगवान का भक्त हो सकता है, स्वयं भगवान नही,
देहरादून। नेशविला रोड स्थित डोभालवाला में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को आचार्य तुलसीराम पैन्यूली ने भगवान कृष्ण जन्म की कथा को वर्णन किया। उन्होंने बताया कि…
भागवत कथा में बताया वेद, शास्त्रों का महात्म्य,
जिसको भगवान देते उसे कोई नहीं छीन सकता: आचार्य पैन्यूली, देहरादून। मानवता परोपकार से बढती है। उच्च विचार का नाम ज्ञान है। दूसरों के कष्टों को सहन करने का नाम…
श्री केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खुलेंगे,
देहरादून। महाशिवरात्रि पर्व पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। पंचांग गणना के अनुसार 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर विधिवत पूजा…
हर्षोल्लास से मनाया महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्मोत्सव
देहरादून।आर्य समाज धामावाला के सत्संग भवन में रविवार को महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी का जन्मोत्सव एवं ऋषि बोधोत्सव भावपूर्ण व हर्षोल्लास से मनाया गया I आचार्य विद्यापति शस्त्री द्वारा…
टपकेश्वर महादेव में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां तेज,
देहरादून। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है । गुरुवार को महंत कृष्ण गिरि महाराज…
हर्षोल्लास से मनाया जाएगा स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज का जन्मदिवस
देहरादून। आर्य समाज धामावाला देहरादून की ओर से स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज का जन्मदिवस व बोधोत्सव 27 फरवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। गुरुवार को आर्य समाज धामावाला के…
भक्ति में क्रोध जबकि ज्ञान में काम बाधक है: ममगाईं
रुद्रप्रयाग। श्रीमद्भागवत की रचना समस्त वेद पुराण लिखने के बाद असंतुष्ट मन को संतुष्ट करने हेतु व्यास जी ने बद्री धाम में लिखा और शुकदेव जी को पढ़ाकर मूल में…