रायपुर रोड अधोइवाला स्थित शिव कॉलोनी में चल रही है भागवत कथा
देहरादून। मन पर नियंत्रण का उपाय और मरण के रहस्यों का समाधान आज की आधुनिकता के पास नही है, यह ज्ञान केवल श्रीमद्भागवत कथा और अन्य ग्रंथो से ही प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रवचन रायपुर रोड अधोइवाला स्थित शिवलोक कॉलोनी में चल रही भागवत के कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने दिए।
सोमवार को कथा का वर्णन करते हुए आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने बताया कि धर्मिक प्रवृत्ति के लोगों को बड़ा कष्ट सहने को तत्पर रहना चहिये। जिसने भी कष्ट का अभ्यास कर लिया वह कभी दुःखी नही हो सकता। अमृत पीने वाले देव जबकि विष पीने वाले देवों के देव महादेव कहलाये। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार राष्ट्र, समाज और धर्म की रक्षा के लिए कष्ट सहने वाला सदैव अमर हो जाता है, जबकि सुख, सुविधा और भोग का इच्छुक व्यक्ति कलंकित माना जाता है। बताया कि हमारे कर्मकांड पूर्णता वैज्ञानिक है। विज्ञान शास्त्र की तरह धर्मसास्त्र में स्पष्ट वर्णन है। मंत्रो में अपार शक्ति होती है। सच्चा भक्त और वैष्णव तो वही है जो दूसरों के दुख से दुःखी होकर सहायता के लिए तैयार हो जाता है। कलियुग में संयम और संतुष्टि रखने वाला व्यक्ति ही सुखी हो सकता है। कथा के मुख्य यजमान श्रीमद्भागवत कथा 30 सिंतबर तक दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। इस दौरान कथा में पूर्व राज्यमंत्री राजकुमार पुरोहित, बीरेंद्र, सुशील, अतुल, विवेकानंद डोभाल, अनिल डोभाल, पीताम्बरी तैलवाल, सरोज, मीनाक्षी, साक्षी, मुकेश, सुरेश भट्ट, शकुंतला भट्ट, अमरदीप, सूरज मणि तैलवाल, उमेश जुयाल, सुनील बिष्ट आदि मौजूद रहे।