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आर्य समाज का स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया

देहरादून।

आर्य समाज धामावाला की ओर से आयोजित नवसंवत्सर-2079 एवं आर्य समाज स्थापना दिवस रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम गाँधी पार्क परिसर में सुबह सात कुंडीय यज्ञ से आरम्भ हुआ I आचार्य विद्यापति शास्त्री जी एवं गुरुकुल पौंधा के ब्रह्मचारियों द्वारा वेद मंत्रोचारण के साथ यजमानों से यज्ञ सपन्न करवाया गया I

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देहरादून नगर के महापौर सुनील उनियाल गामा यज्ञ में सम्मिलित हुए I उन्होंने अपने आशीर्वचनों से सभा को सम्बोधित करते हुए भारतीय नव वर्ष की शुभकानाए दी और कहा कि वातावरण की शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ अतिउत्तम है I उन्होंने कहा कि नगर के स्वछता अभियान पर नगरवासियों को सहयोग के लिए निवेदन किया I यह हर नगरवासी का दायित्व है कि वह अपने आस-पास के वातावरण को पूर्ण रूप से स्वच्छ रखे I

दिल्ली से पधारे भजनोपदेशक देव आर्य व उनकी धर्मपत्नी कल्पना एवं तबला वादक आदित्य आर्य के ईश्वर भक्ति के भजनों का सभी उपस्थित आर्यजनों ने भरपूर आनंद उठाया।

जम्मू से पधारे डॉ सत्य प्रिय , प्रोफेसर जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय ने नव संवत्सर और सृष्टि रचना के विषय पर चर्चा की I विकर्मी सम्वत का आरम्भ चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है I चैत्रशुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व भी है I आज से ही ईश्वर ने सृष्टि रचना आरम्भ की I

आज के दिन सम्राट विक्रमादित्य ने शकों के राज्य को हरा कर राज्य स्थापित किया था I इन्हीके नाम पर विकर्मी सम्वत पड़ा I

महर्षि स्वामी दयानन्द जी ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना I आज ही के दिन विकर्मी सम्वत 1932 की चैत्र प्रतिपदा तदनुसार 10 अप्रैल 1875 को आर्य समाज की स्थापना हुयी I उन्होंने वैदिक संस्कृति के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है संसार का उपकार करना, सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझना और सत्य को ग्रहण करना I

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि, वेदों पर आधारित सृष्टि रचना के सन्दर्भ में ज्योतिष शास्त्र विषय का एक महत्वपूर्ण स्थान है I महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में सृष्टिसम्वत के विषय में स्पष्ट रूप से वेदों के आधार पर गणना कर के बताया है कि सृष्टि रचना को 1 अरब, 96 करोड़ 8 लाख 53 हज़ार 122 वर्ष हुए हैं I (सम्वत 2078 तक ) वसंत ऋतू का आगमन भी नव वर्ष (संवत्सर) के आरम्भ प्रतिपदा से होता है I चारों और प्रकृति में उल्लास उमंग भरा होता है I फूलों के सुगंध भी निराली होती है I आचार्य जी ने ईश्वर और भगवIन के अन्तर पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला I उन्होंने कहा ईश्वर एक है जो

मर्यादापुरुषोतम श्री रामचन्द्र जी महाराज भगवान- एक महान पुरुष थे I योगिराज श्री कृष्ण चांद्र जी महाराज भगवान- एक महान पुरुष थे I हमे उनके पदचन्हों पर चलते हुए समाज व संस्कृति का उत्थान करना चाहिए I

कार्यक्रम में आर्य समाज धामावाला के वरिष्ठ सदस्य शैल ढींगरा, विजय वर्मा , विक्रम चन्द्रगुप्त, ओम प्रकाश नांगिया, सुभाष गोयल , देवनाथ मालिक, धीरेन्द्र मोहन सचदेव अधिष्ठाता श्रद्धानन्द बाल वनिता आश्रम, व परिवार, अशोक नारंग, नारायण दत्त पंचाल, कोषाध्यक्ष व परिवार, नवीन भट्ट मंत्री व परिवार, शसुधीर गुलाटी प्रधान व परिवार, देस राज खट्टर , स्नेहलता खट्टर ,जिला प्रधाना, डॉ. विनीत मदान, आनन्द सिंह आर्य, अरुणा गुप्ता , मंत्री स्त्री समाज धामावाला व परिवार , आदर्श कुमार अगरवाल , एवं अश्विनी पंचाल, देवेंद्र कुमार सैनी, दिलीप आर्य व परिवार, गर्विता दुसेजा, ब्रह्मदेव गुलाटी, हर्षवर्धन आर्य, मधु आर्य, मयंक हर्षवर्धन आर्य , शालिनी आर्य , कमला नेगी, एवं मदन मोहन आर्य, धर्म वीर तलवार , एवं नरेश गर्ग, निर्मला भरद्वाज, प्रधाना स्त्री समाज धामावाला, पवन आर्य, बसंत आर्य, सुनीता गुरुवारा, मीनाक्षी पंवार, सुधा कालरा, एवं विवेक कालरा, अरुण ढंड , एवं प्रमोद शेखरी, एवं संजय दुर्गा , तथा अन्य सदस्य व उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे।

आर्य समाज धामावाला के पदाधिकारियों व सदस्यों व उनके परिवार जनों के अतिरिक्त आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान दयानन्द तिवारी , कार्यवाहक मंत्री गंभीर सिंह सिंधवाल, आर्य समाज डोभरी के प्रधान, मंत्री, कोषाध्यक्ष, व अन्य सदस्य, स्त्री समाज विकास नगर की प्रधान नंदिनी आर्य , वालिआ परिवार सहित व अन्य सदस्य, हर्बर्ट पुर के विनय सैनी , मंत्री जिला सभा, आर्य समाज डोईवाला के प्रधान एवं सत्यपाल आनन्द , आर्य समाज कोलागढ़ के प्रधान एवं प्रांतीय सभा के वरिष्ठ उप प्रधान ज्ञान चन्द गुप्ता, शीला आर्य , कोषाध्यक्ष प्राणनाथ खुल्लार, आर्य समाज करणपुर की प्रधान आर्य समाज लक्ष्मण चौक के प्रधान भगवान सिंह राठौर, व मंत्री होशियार सिंह तथा गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार व देहरादून जिला की अन्य समाजों के सदस्य व पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

सभा का सञ्चालन नवीन भट्ट मंत्री ने किया I आचार्य विद्यापति शास्त्री द्वारा शांति गीत व शांति पाठ के उपरान्त ऋषि प्रसाद का सभी ने आनन्द उठाया I

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