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दून कैंट बोर्ड की स्वच्छता चौपाल 3 व 4 फरवरी को

स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ और उपकरण बनाने वाले भी होंगे शामिल

देहरादून

छावनी परिषद देहरादून की ओर से आगामी 3 और 4 फरवरी को स्वच्छता चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में पहली बार इस तरह की चौपाल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्वच्छता पर काम करने वाले विशेषज्ञ, स्वच्छता के लिए मशीने आदि बनाने वाले उद्योग, स्वच्छता के लिए जिम्मेदारी अधिकारी और स्थानीय निकायों के प्रमुख एक मंच पर होंगे।

छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिनव सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एक अभिनव प्रयोग है। काफी समय से छावनी परिषद की ओर से इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में विचार किया जा रहा था। चौपाल में देशभर में स्वच्छता के क्षेत्र काम करने वाली संस्थाओं और लोगों के साथ ही स्वच्छता के मामलों के तकनीकी विशेषज्ञों, स्वच्छता के लिए उपकरण बनाने वाली कंपनियों और स्टार्टअप, उन उपकरणों के विक्रेता और उन्हें खरीदने वाले सरकारी विभाग और नगर निकाय एक जगह एकत्रित होंगे। यह कार्यक्रम उत्तराखंड शहरी विकास निदेशालय के सहयोग ओर से आयोजित किया जा रहा है और देहरादून स्थित थिंक टैंक एसडीसी फाउंडेशन स्वच्छता चौपाल में नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभा रहा है।

चौपाल की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें राज्य के सभी नगर निकायों के कमिश्नर, चेयरमैन, मेयर और अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी इस चौपाल में शामिल होने वाले हैं। कैंट स्थिति महेन्द्र ग्राउंड में दोनों दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किये जाने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन तीन फरवरी को सुबह 10. 30 बजे राज्यपाल ले. जन. (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह करेंगे।

कैंट बोर्ड के सीईओ के अनुसार इस कार्यक्रम में स्वच्छता को लेकर 4 पैनल डिस्कशन आयोजित किये जाएंगे, जिनमें स्वच्छता के क्षे़त्र में काम करने वाले लोग अपने अनुभव साझा करेंगे। इसके अलावा चौपाल पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और लाइव डेमो भी होंगे। स्वच्छता चौपाल में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें 50 से ज्यादा स्टॉल लगाये जा रहे हैं। इस प्रदर्शनी में स्वच्छता में काम आने वाले उपकरणों और विधियों को देखा जा सकेगा।

स्टॉल लगाने वाली कंपनियों में ई-वेस्ट के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली एटीरो कंपनी भी शामिल है, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में मन की बात कार्यक्रम में किया था। इसके अलावा इंदौर में काम करने वाली नेप्रा, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के साथ मिलकर केदारनाथ रूट पर डिपॉजिट रिफंड स्कीम पर काम करने वाली रिसाइकिल, हरिद्वार और ऋषिकेश शहर और गंगा की सफाई में लगी साहस जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा चिन्हित कई स्टार्ट अप्स के स्टॉल भी प्रदर्शनी में देखे जा सकते हैं।

सीईओ ने बताया कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट को उत्तराखंड सरकार, भारत सरकार, सभी नगर निकायों और कैंट बोर्ड के साथ ही अन्य सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय राज्यों में स्वच्छता को लेकर पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने में देहरादून छावनी परिषद की स्वच्छता चौपाल सहायक सिद्ध होगी।

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