देहरादून।
नेताजी संघर्ष समिति के तत्वाधान में हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी आज़ादी के अग्रदूत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126 वी जयंती समूचे क्षेत्र में हर्षोल्लास तथा धूम,धाम के साथ मनाई गई। नेताजी संघर्ष समिति से जुड़े कार्यकर्ता सोमवार को नेताजी चौक बेंड बाजार में एकत्रित हुए और उन्होंने नेताजी कि मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा की सुभाष चन्द्र बोस भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रमुख महासचिव आरिफ़ वारसी ने कहा की नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस देश के ऐसे स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, जिनसे अंग्रेज कांपते थे। उन्होंने देशवासियों को कई संदेश दिए, जो देशवासियों को हमेशा प्रेरित करते हैं। उनके सकारात्मक संदेश आपके मुश्किल दौर में हौसला बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर समिति के उपाध्यक्ष प्रभात डंडरियाल, प्रमुख महासचिव आरिफ़ वारसी, प्रवक्ता अरुण खरबंदा, मनोज सिंघल, तरुण अग्रवाल, प्रवीण शर्मा, इस्राईल मालिक, इरशाद खान, सुनील, अनुज भाटिया, सहित अनेको लोग उपस्थित रहे।