भगवान में परम अनुराग भी भक्ति है: ममगाईं
देहरादून। कौलागढ़ में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने बताया लौकिक काम एवं भगवान के काम में अंतर है। जिस प्रकार बंजर भूमि में बीज अंकुरित नही हो सकता, उसी प्रकार श्याम सुंदर की भक्ति में लीन मानव के मन मे लौकिक कामनाओं को उत्पन्न होने का अवसर नही मिलता। योग में वियोग और वियोग में योग की भावना उपासना में निहित है।
बुधवार को अंतिम दिन कथा का वर्णन करते हुए शिव प्रसाद ममगाईं ने बताया कि भगवान में परम अनुराग ही भक्ति है। कारुण्य एवं दयालुता भगवान के सर्वोपरि गुण हैं। राधा की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि राधा जी भगवान कृष्ण की आत्मा है। भगवान कृष्ण की लीला रहस्य लीला से परे है। कथा में भाव विभोर हो जाना ही उनकी प्राप्ति है।
कथा में विधायक हरबंस कपूर, नंद प्रयाग नगर पंचायत अध्यक्ष हिमानी वैष्णव, अशोक राणा, आंनद बहुगुणा, मोहन सकलानी,हिम्मत भंडारी, दिनेश रावत, गौरव खंडेलवाल, अमित रावत, ललित पंत, अजय मोहन सकलानी,महेश भट्ट, संदीप बहुगुणा, ललित मोहन जोशी, अजय मिश्र, प्रकाश भट्ट, कुसुम नौटियाल, कविता शर्मा, अनिता, सुभाष, सरद, दीपक नौटियाल आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।