देहरादून।
गोर्खाली सुधार सभा में बुधवार को आदिकवि आचार्य भानुभक्तजी की 208 वीं जन्मजयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभा के कोसैली सांगीतिक समूह एवं देविन शाही ने गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी।
सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजन क्षेत्री , उपाध्यक्ष पूजा सुब्बाजी, पूर्व राज्यमंत्री लै टीडी भूटिया, कर्नल डीएस खड़का ,कै आरएस थापा ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।
कार्यक्रम में पंडित गोविंद प्रसाद पंथी ने उनके जीवन परिचय एवं काव्य रचनाओं से विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि आदिकवि भानुभक्त आचार्य का जन्म विक्रम सम्वत् 1871 की 9 गते(13 जुलाई 1874) को चुदिरम्दा ,तनहु नामक स्थान में हुआ था। नेपाली भाषा, संस्कृति एवं एकीकरण मे उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
“वधुशिक्षा” उनकी एक सुप्रसिद्ध रचना है ,जिसमें उन्होंने महिलाओं को समाज में योग्य स्थान एवं अग्रणी पंक्ति में रखने प्रयास किया है। जातीय एकता, राष्ट्रीय पहचान , सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रप्रेम की भावना और शक्ति प्रदान कराने में उनका बहुत बड़ा एवं ऐतिहासिक योगदान रहा है।
उन्होंने रामचरितमानस (रामायण) का सरल नेपाली भाषा में अनुवाद किया , जिसे रामायण मार्फत का नाम दिया , जिसका आज भी घर-घर में सस्वर पाठ किया जाता है यह उनकी सबसे अमूल्य कृति( रचना) है।
सम्पूर्ण गोर्खाली समाज उन्हें आदिकवि के रूपमे याद करता रहेगा उनकी मुख्य रचनाएँ — प्रश्नोत्तरी, वधुशिक्षा, भक्तमाला , रामगीता काव्य आदि प्रमुख हैं
मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने अवगत कराया कि इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा द्वारा इन युवा खेल प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया:
१)मा० उदित राना (स्वर्ण पदक विजेता , नेशनल यूथ स्पोर्टस एथलेटिक्स)
२)मा० नमन मल्ल ,स्वर्ण पथक विजेता ( आगरा ताज ओपन नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप -2022)
३)प्रियांशु गुरूंग, रजत पदक( फुटबाल चैम्पियनशिप , गोवा)
रजत पदक (फुटबाल ,नेपाल)
सभा के कोसैली सांगीतिक समूह एवं देविन शाही ने गीतों की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर गोर्खाली सुधार सभा के समस्त शाखा अध्यक्ष महामंत्री गोपाल क्षेत्री कर्नल आरएस क्षेत्री, कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री, कर्नल माया गुरूंग चौधरी, सचिव मधुसूदन शर्मा, सांस्कृतिक सचिव कै वाई बी थापा, खेल मंत्री प्रीतम सिंह थापा, वीपी ढकाल, विनय गुरूंग, जितेंद्र खत्री आदि मौजूद रहे।