देहरादून। विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर संस्कृति विभाग उत्तराखंड एवं पुराना दरबार हाउस ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्राचीन कला प्रदर्शनी के अंतिम दिन टिहरी गढ़वाल की रियासत की ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया। जिसमें प्राचीन कालीन मध्यकालीन, ब्रिटिशकालीन, हस्त अभिलेख, सिक्के, तलवारें, छाया चित्रों, बर्तन, दूरबीन, गढ़वाल कलम चित्र मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।
गौरतलब है कि संस्कृति विभाग उत्तराखंड व पुराना दरबार की ओर से गढ़वाल की कलम मिनिएचर, परिधान, काष्ट, पस्तर कला का प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 12 मई से कन्या गुरुकुल परिसर में किया गया था। जिसमें विभिन्न स्कूलों व महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने सक्रिय प्रतिभाग किया। जिसमें डीएवी पीजी कॉलेज, एसजीआरआर पीजी कॉलेज, एमकेपी कॉलेज, कन्या गुरुकुल परिसर मुख्य रूप से शामिल रहे।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी रतूड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृति विभाग एवं पुराना दरबार की यह पहल सराहनीय है।
संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने कहा कि संस्कृति विभाग की ओर से छेत्रिय संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए नित नए कदम उठाए जाते रहे है। समन्वय भवानी प्रताप ने कहा कि ट्रस्ट की ओर से अभिलेखीय संरक्षण के कार्य किया जाता रहा है।
कार्यक्रम में कई लोगों को उनके संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, कला के क्षेत्र में कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया। जिसमें यशवंत कठोच आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम में डॉक्टर रेणु शुक्ला, मेहरबान गुसाईं, अर्चना डिमरी, रचना पांडे, रविन्द्र पडियार, तनुश्री आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अर्चना ने किया।