देहरादून।
संस्कृति विभाग उत्तराखंड एवं पुराना दरबार हाउस ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में विश्व संग्रहालय दिवस की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक धरोहर कला प्रदर्शनी का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय इतिहास हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है किसी भी क्षेत्र की मूल आत्मा वहां की विभिन्न कलाओं संस्कृति में बसती है और आज के दौर में यह अत्यंत आवश्यक है की क्षेत्रीय इतिहास कला संस्कृति को सही रूप में सामने लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
मंगलवार को प्रेक्षा ग्रह संस्कृति विभाग उत्तराखंड निकट आकाशवाणी देहरादून केंद्र में कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा विदेशो में उनके द्वारा उनकी संस्कृति व इतिहास के संवर्धन के लिए निरंतन नवीन प्रयास किए जा रहे हैं। जिसका नतीजा वहां पर्यटन के विकास के रूप में दिख रहा है जैसे कंबोडिया, मॉरीशस,दुबई आदि।
विधायक कैंट सविता कपूर ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए निरंतर ऐसे प्रयास करते रहने चाहिए और अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को अपनी आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।हमारा प्रयास भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को बढ़ावा देना रहेगा।
ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पुराना दरबार ट्रस्ट के समन्वयक ने बताया कि हमारी ट्रस्ट उत्तराखंड की लुप्त होती कला स्थापत्य कला के पुनरुद्धार के लिए निरंतर प्रयत्नशील रही है इसके साथ ही हम राज्य के स्मारकों अभिलेखों के संरक्षण संवर्धन के लिए भी प्रयासरत है हमारा उद्देश्य है कि हमारी कला एवं संस्कृति आने वाली पीढ़ी तक पहुंचे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ मेहरबान सिंह गोसाई ने बताया ऐसे कार्यक्रम अपनी संस्कृति को जीवंत रखने में सहयोगी सिद्ध होते हैं ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ अर्चना डिमरी ने बताया कि हमारी धनी प्राचीन संस्कृति विलुप्त ना हो इस हेतु हमें ऐसे कार्यक्रमों प्रदर्शनी यह कार्य शालाओं को समय-समय पर शैक्षिक संस्थानों व अन्य संस्थाओं में भी करते रहना चाहिए जिससे हमारी नई पीढ़ी को अपनी धरोहरों पर गर्व करने के साथ ही साथ उनको वह मूर्त रूप में इसे देख वह समझ पाए और साथ ही उसे आत्मसात भी कर पाए।
कार्यक्रम में रविंद्र पडियार एवं बलदेव पराशर की गरिमामय उपस्थिति रही कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप प्रदान करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस अवसर पर सतपाल महाराज के द्वारा अंशु मोहन गढ़वाल कलम मिनिएचर के विशेषज्ञ, श्री राम मोहन कंडवाल सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता पुरातात्विक स्मारकों के विशेषज्ञ, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल राजगुरु एवं श्री जसवीर जी को कला के संवर्धन हेतु विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ रेनू शुक्ला समन्वयक कन्या गुरुकुल परिसर देहरादून द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अर्चना डिमरी ने किया।
कार्यक्रम में सुश्री तनुश्री मिश्रा , डॉक्टर रचना पांडे , डॉ हरिओम शंकर , डॉक्टर ममता सिंह , डॉक्टर मेहरबान सिंह गुसाईं , डॉ अंजू लता डॉ रेखा राजपूत एवं विशेष रूप से डॉक्टर योगंबर सिंह बर्थवाल एवं प्रोफेसर के एस रावत आदि मौजूद रहे।