कोटद्वार।
है कांटो जैसा सफर मेरा ये मगर, मै फिर भी तो चल रही हूं, जहां बदलने का का हौसला है , ये ख्वाब लेकर निकल रही हूं। यह पंक्तियां कोटद्वार विधान सीट से भाजपा के टिकट पर लड़ने जा रही ऋतु खंडूड़ी पर सटीक बैठती हैं।
कोटद्वार विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच दिलचस्प चुनावी जंग होने के आसार है। कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह नेगी मैदान में है तो बीजेपी से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व यमकेश्वर से विधायक रह ऋतु खंडूरी मैदान में है। सियासी जानकारों की माने तो अगर ऋतु खंडूरी कोटद्वार सीट फतह कर लेती है तो प्रदेश की राजनीति में कद बढ़ना तय है।
बात अगर बीजेपी उम्मीदवार ऋतु खंडूरी की जाए तो यमकेश्वर विधान सभा सीट से 2017 में पहली बार विधायक बनीं थी। इसके बाद उन्होंने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के पद चिन्हों पर चलते हुए विकास कार्यों को गति दी। लेकिन 2022 में यमकेश्वर से उनका टिकट कट गया। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में तरह 2 चर्चाएं होने लगी। जैसे तैसे अंतिम समय पर उन्हें भाजपा ने कोटद्वार का टिकट थमा दिया।
शुक्रवार को उन्होंने उत्साह के साथ नामांकन पत्र भरा। माना जा रहा है कि इस बार उनकी राह आसान नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी मजबूत माने जा रहे हैं। लेकिन पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जो जिम्मेदारी उनके सामने खड़ी है, ऐसे में उन्हें अब जनता के बीच जाकर खुद साबित करने की बड़ी चुनौती है। टिकट मिलने के बाद वे अपनी बेदाग छवि को भुनाने का प्रयास करेंगी। जिसका उन्हें कुछ हद फायदा मिलेगा। चुनाव जीती तो प्रदेश की राजनीति में उनका कदम बढ़ेगा। फिलहाल अब उनका पूरा फोकस कोटद्वार की जनता को अपने पक्ष में करने होगा। वहीं उनके समर्थकों में टिकट मिलने की खुशी है। ऋतु खंडूड़ी को चुनाव जिताने के लिए उन्होंने कोटद्वार में डेरा डाल दिया।
पिता की हार को भुनाने का भी मौका,
कोटद्वार की सीट से उनके पिता ने मुख्यमंत्री रहते चुनाव लड़ा। लेकिन वीसी खंडूड़ी को हार का मुंह देखना पड़ा था। लिहाजा इस बार उनकी बेटी उनकी हार को भुनाने का प्रयास करेगी। जनता का मूड उनके पक्ष में रहा तो सहानभूति के दम पर उन्हें वोट मिलेगा।