• Wed. Dec 25th, 2024

उत्तराखंड को चाहिए अपनी जरूरत का नगर पालिका कानून,

उत्तराखंड अर्बन एजेंडा 2022 के तहत एसडीसी फाउंडेशन और जनाग्रह ने जारी की पांचवीं और आखिरी फैक्टशीट,

देहरादून।
एसडीसी फाउंडेशन ने राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ‘उत्तराखंड अर्बन एजेंडा-2022‘ के तहत अपनी पांचवीं और आखिरी फैक्टशीट जारी की है। जनाग्रह के साथ मिलकर तैयार की गई इस फैक्टशीट में शहरों के विकास के लिए बनाई जाने वाले कानूनों पर फोकस किया गया है। एसडीसी फाउंडेशन इससे पहले गार्बेज फ्री सिटीज, सफाई मित्र सुरक्षा, ईज ऑफ लिविंग, म्यूनिसिपल इंडेक्स, सिटी क्लाइमेट चेंज, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग और ट्रैफिक जैसे शहरी मुद्दों पर चार फैक्टशीट जारी कर चुका है।

पांचवीं फैक्टशीट जारी करते हुए एसडीसी फाउंडेशन और जनाग्रह ने एक साझा प्रेस नोट भी जारी किया। प्रेस नोट में जनाग्रह के सिविक पार्टिशिपेशन हेड श्रीनिवास अल्लावली ने कहा है कि उत्तराखंड में शहरी क्षेत्रों के नीतिगत सुधारों के लिए कई कदम उठाने और इन्हें बेहतर तरीके से लागू करने की जरूरत है। जमीन के मालिकाना हक की नीति को बेहतर तरीके से लागू करने और वार्ड समितियों और क्षेत्रीय सभाओं के माध्यम से विभिन्न कार्यों में जन भागीदारी बढ़ाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड में स्थानीय निकायों का संचालन अब भी पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश के कानूनों के तहत किया जा रहा है।श्रीनिवास ने कहा की शहरी स्थानीय निकायों के लिए अभी भी प्रदर्शन प्रबंधन प्रणाली, कार्यबल का वैज्ञानिक अनुमान, व्यवस्थित प्रशिक्षण और नगरपालिका कर्मचारियों और पार्षदों की क्षमता निर्माण के लिए कोई आदेश नहीं है।

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और जरूरतों के अनुसार राज्य को अपने नगर पालिका कानून बनाने की जरूरत है। गैर महानगरीय क्षेत्रों के लिए अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। स्थानीय योजनाओं में सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाने की ज़रूरत है। मेयर और पालिक अध्यक्षों के पास बहुत सीमित अधिकार हैं, जिन्हें बढ़ाने की जरूरत है। वे कहते हैं कि नगर निकायों को ज्यादातर कामों के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है, इससे काम प्रभावित होते हैं।

अनूप नौटियाल ने बताया कि इन फैक्टशीट को उनकी संस्था राज्य के सभी राजनीतिक दलों के पास भेज रही है, ताकि शहरी क्षेत्रों में सतत विकास की प्रक्रिया अपनाने के लिए वे इसे अपने मेनिफेस्टो में शामिल करें। उन्होंने कहा कि पहली चार फैक्टशीट एसडीसी फाउंडेशन ने अपने स्तर पर तैयार की थी, लेकिन अब उन्हें अर्बन गवर्नेंस के मुद्दों पर 20 वर्षों से काम कर रही जनाग्रह संस्था का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि पांचवीं फैक्टशीट जनाग्रह की ओर से किये गये भारतीय शहरों के वार्षिक सर्वेक्षण, उत्तराखंड के 9 नगर निकायों के विधान के अध्ययन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट सहित विभिन्न नियमों और रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *